Aik thi chidiya..aik tha chiddaa...

ये वो कहानी है जो मम्मी मुझे बचपन में सुनती थी ....
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एक थी चिडिया,एक था चिद्दा.चिडिया लायी चावल का दाना चिद्दा लाया दाल का दाना दोनों ने पकाई खिचडी.
खिचडी जब पक गयी तो चिडिया बोली-"कितना अच्चा होता की खिचडी के साथ घी होता.बड़ा मज़ा आता ." तो चिद्दा बोला- "तेरी बात तोः सही है चिडिया रानी!ठीक है मै अभी घी लेके आता हु ".फिर चिद्दा तोह गया उड़. घोंसले में कौन बचा?चिडिया रानी और खिचडी .
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पूरी खिचडी को देख के चिडिया को आ गयी लालच और खा गयी वो पूरी खिचडी. जब उसने डकार ली तो उससे याद आया की चिद्दा तोह घी लेने गया था बहार . ये ध्यान आते ही वो जोर जोर से रोने लगी और अपने आपको बचाने के लिए उसने घर का दरवाज़ा बंद किया और एक बक्से के नीचे घुस कर छूप गयी .

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